'मानव जीवन एक बहुमूल्य निधि है |यह सौभाग्य हमें इसलिए मिला है की हम दुनिया के सौन्दर्य का रसास्वादन करते हुए इस तरह जियें जिसमे पुष्प जैसी मृदुलता , चन्दन जैसी सुगंध और दीपक जैसी रोशनी भरी पड़ी हो | '
जीवन कला जिसे आती है , वह कलाकार अपने पास के स्वल्प साधनों से ही महान अभिव्यंजना प्रस्तुत करते हैं |
स्वामी विवेकानंद प्रतिकूलताओं से घिरे थे | साधनसम्पन्नता में जन्मे नरेंद्र के घर कई घटनाएँ घटीं जो किसी का भी मानसिक संतुलन गड़बड़ा सकती थीं , पर उस स्थिति में भी वे न
रामकृष्ण को भूले , न वैराग्य को , न ठाकुर की कही एक-एक बात को |
एक सुंदर सी राजकुमारी विद्दार्थी दिनों में उनके साथ पढ़ती थी | वह युवा नरेंद्र व उनकी विद्वता पर आसक्त थी | उसने जब कष्टों के विषय में सुना तो प्रस्ताव भेजा - " हमसे शादी कर लो , राज्य का उत्तराधिकार आपको ही मिलेगा | आप बैरिस्टर बन जायेंगे | " विवेकानंद ने जो जवाब लिखा , वह हर युवा के लिये जानने योग्य है -- " मैं हाड़-मांस के भोगों के लिये नहीं आया | यह मेरी प्रकृति नहीं है | मैं अपनी आत्मा व सत्य के साथ कभी समझौता नहीं कर सकता ( With truth no compromise ) " विवेकानंद संन्यस्त हुए | फिर राष्ट्र की परिव्रज्या कर अमेरिका चले गये |
आध्यात्मिकता के मार्ग पर बाधाएं आती हैं , पर उनसे परेशान न होकर चलते चले जाना ही
महानता है |
जीवन कला जिसे आती है , वह कलाकार अपने पास के स्वल्प साधनों से ही महान अभिव्यंजना प्रस्तुत करते हैं |
स्वामी विवेकानंद प्रतिकूलताओं से घिरे थे | साधनसम्पन्नता में जन्मे नरेंद्र के घर कई घटनाएँ घटीं जो किसी का भी मानसिक संतुलन गड़बड़ा सकती थीं , पर उस स्थिति में भी वे न
रामकृष्ण को भूले , न वैराग्य को , न ठाकुर की कही एक-एक बात को |
एक सुंदर सी राजकुमारी विद्दार्थी दिनों में उनके साथ पढ़ती थी | वह युवा नरेंद्र व उनकी विद्वता पर आसक्त थी | उसने जब कष्टों के विषय में सुना तो प्रस्ताव भेजा - " हमसे शादी कर लो , राज्य का उत्तराधिकार आपको ही मिलेगा | आप बैरिस्टर बन जायेंगे | " विवेकानंद ने जो जवाब लिखा , वह हर युवा के लिये जानने योग्य है -- " मैं हाड़-मांस के भोगों के लिये नहीं आया | यह मेरी प्रकृति नहीं है | मैं अपनी आत्मा व सत्य के साथ कभी समझौता नहीं कर सकता ( With truth no compromise ) " विवेकानंद संन्यस्त हुए | फिर राष्ट्र की परिव्रज्या कर अमेरिका चले गये |
आध्यात्मिकता के मार्ग पर बाधाएं आती हैं , पर उनसे परेशान न होकर चलते चले जाना ही
महानता है |
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