4 May 2020

WISDOM ------

    आचार्य  अपने  विद्दार्थियों  को  समझा  रहे  थे ---- " मानवीय  पतन  का  एक  बड़ा  कारण  उसका  उन्माद  है   l   समुद्र  मंथन  में  प्रथम  दो  रत्न  निकले  --- हलाहल  विष   और  मद्द्य  l  हलाहल  को  तो    भोलेबाबा  भगवान   शिव  ने  अपने  कंठ  में  धारण  कर  लिया   l   परन्तु  मद्द्य  ऐसा  था  कि   उसका  स्वाद  लगने  पर  छूटने  का  नाम  नहीं  लेता  था  l   प्रजापति  ने  देव  और  असुर  ,  दोनों  को  समझाया  ,  परन्तु  उनकी  सीख  को  दरकिनार  करते  हुए    असुरों  ने  मद्द्य  ग्रहण  कर  लिया   l   नशा  उनके  दिमाग  में  चढ़  गया    ,   उन्होंने  अपनी  सामर्थ्य  को  लोगों  को  उत्पीड़ित  करने  में  लगा  दिया   और  यही  उनके  पतन  का  कारण  बना  l "

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