भारतीयों की आपसी फूट, विद्वेष और राजनीतिक बिखराव के कारण यहाँ विदेशी आक्रमण हुए और विदेशी अपनी वीरता के कारण नहीं बल्कि हमारी आपसी फूट के कारण सफल हुए l यह देश का दुर्भाग्य रहा कि कई गद्दार भी हुए जिन्होंने आक्रमणकारियों का साथ दिया और देश युगों तक गुलाम रहा l 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ लेकिन अंग्रेजों की फूट डालो की नीति के कारण देश केवल राजनीतिक तौर पर ही नहीं बंटा बल्कि सामाजिक तौर पर भी बंट गया l जातीय , क्षेत्रीय , सांप्रदायिक दीवारें खड़ी हो गईं जो भौतिक और वैज्ञानिक प्रगति के साथ बढ़ती जा रहीं हैं l स्वार्थ और लालच के कारण संवेदना का स्रोत सूख गया है , महाभारत जैसी स्थिति निर्मित हो रही है l विवेक और सद्बुद्धि की जरुरत है l
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