आलस्य मनुष्य की सबसे ज्यादा घातक वृति है l आलसी व्यक्ति के अन्दर कुछ करने की प्रेरणा नहीं होती , कुछ काम करने का उत्साह नहीं होता l आलस मन का एक स्वभाव है जो दीखता मनुष्य के व्यवहार में है l ऐसे आलसी व्यक्ति समाज पर बोझ होते हैं l
ब्रिटिश लेखक और राजनीतिज्ञ बेंजामिन डिजरायली का इस बारे में कहना है कि --- ' काम से हमेशा ख़ुशी मिले , यह जरुरी नहीं , पर यह तय है कि ख़ुशी बिना काम किये नहीं मिल सकती l ' इसलिए जिन्दगी को बेहोश करने वाले आलस के नशे का त्याग कर जिन्दगी की असली खुशी की तलाश करनी चाहिए और यह हमें बिना काम किये नहीं मिल सकती l काम कर के ही हम जिन्दगी का असली सुकून प्राप्त कर सकते हैं l
ब्रिटिश लेखक और राजनीतिज्ञ बेंजामिन डिजरायली का इस बारे में कहना है कि --- ' काम से हमेशा ख़ुशी मिले , यह जरुरी नहीं , पर यह तय है कि ख़ुशी बिना काम किये नहीं मिल सकती l ' इसलिए जिन्दगी को बेहोश करने वाले आलस के नशे का त्याग कर जिन्दगी की असली खुशी की तलाश करनी चाहिए और यह हमें बिना काम किये नहीं मिल सकती l काम कर के ही हम जिन्दगी का असली सुकून प्राप्त कर सकते हैं l
No comments:
Post a Comment