17 September 2019

WISDOM

      प्रसिद्ध  कवि  अब्दुर्रहीम  खानखाना  के  पास  एक  व्यक्ति  आया   और  उनसे  पूछने  लगा  कि  जीवन  में  सबसे  महत्वपूर्ण   कौन  सा   संयम    है  ?  उन्होंने  कविता    के  माध्यम  से  उत्तर  दिया  -----
  ' रहिमन  जिह्वा  बावरी  ,  कर  गई  सरग  पताल  l  खुद  कह  भीतर  घुस  गई ,  जूती  पड़े  कपाल  l l
  अर्थात  सारे  संयमों  में  वाणी  का  संयम  अत्यंत  महत्वपूर्ण  है   l  जीभ  खुद  तो  बात  कहकर  मुंह  के  अन्दर  चली  जाती  है  ,  परन्तु  उसका  परिणाम  कहने  वाले  को  भुगतना  पड़ता  है   l
  मौन  हमें  कई  बार    व्यर्थ  के  विवादों  और  इससे  उत्पन्न  होने  वाली  परेशानियों  से  बचा  लेता  है  l  लेकिन  केवल  न  बोलना  ही  मौन  नहीं  है  l  यदि  किसी  के  मन  में  विचारों  की  उथल - पुथल  हो  रही  है   या  उसके  मन  में  किसी    अन्य   व्यक्ति  राग - द्वेष  या  क्रोध   का  ज्वार  उठ  रहा  हो  तो  इसे मौन  नहीं    कह   सकते   l  वास्तविक  व  पूर्ण  मौन    वह है  ,  जिसमे  मन  और  वाणी  दोनों  ही  पूरी  शांत   हों  l
  मौन  साधने  से  व्यक्ति  के  अन्दर  स्थिरता  व  शांति  बढ़ती  है  और  उसे  अपने   कार्यों  में  सफलता  मिलती  है   l

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