गाँधी जी ने राम - नाम जपा l कोई अनुष्ठान नहीं , कोई विशिष्ट तप - व्रत नहीं l जो भी उनके उपवास हुए , वे राष्ट्रहित में किये गए l गाँधी जी विश्व भर में अहिंसा के पुजारी के रूप में , असहयोग एवं सविनय अवज्ञा के पालन कर्ता के रूप में तथा सत्य के प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं l विश्व के अनेक देशों के लोग यह मानते हैं कि आज की सभी समस्याओं का समाधान गाँधी की अहिंसा में निहित है l
अहिंसा के लिए कहा जाता है कि यदि योगी अहिंसा में सम्पूर्णतया प्रतिष्ठित हो तो उसके आस - पास निर्वैरता व्याप्त हो जाती है l सांप और नेवला भी अपना वैर भुलाकर साथ बैठते - खेलते हैं l पं . श्रीराम शर्मा आचार्य जी का कहना है --- ' मनुष्य में प्राकृतिक वैर नहीं है उस का वैर विकृतियों से उपजा है l ' इसलिए ईसा मसीह , सुकरात प्रकृति एवं प्राणियों के द्वारा नहीं , बल्कि विकृत मनुष्यों द्वारा मारे गए l अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी के सीने पर हिंसा ने गोली बरसाई l यदि हृदय में संवेदना हो तो संसार की समस्त समस्याएं हल हो जाएँ l
अहिंसा के लिए कहा जाता है कि यदि योगी अहिंसा में सम्पूर्णतया प्रतिष्ठित हो तो उसके आस - पास निर्वैरता व्याप्त हो जाती है l सांप और नेवला भी अपना वैर भुलाकर साथ बैठते - खेलते हैं l पं . श्रीराम शर्मा आचार्य जी का कहना है --- ' मनुष्य में प्राकृतिक वैर नहीं है उस का वैर विकृतियों से उपजा है l ' इसलिए ईसा मसीह , सुकरात प्रकृति एवं प्राणियों के द्वारा नहीं , बल्कि विकृत मनुष्यों द्वारा मारे गए l अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी के सीने पर हिंसा ने गोली बरसाई l यदि हृदय में संवेदना हो तो संसार की समस्त समस्याएं हल हो जाएँ l
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