पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी का कहना है ---- " विपरीत परिस्थितियों में जो साहस , ईमान और धैर्य को कायम रख सके , वस्तुत: वही सच्चा शूरवीर है l "
मनोविज्ञान के प्रोफेसर रिचर्ड वाइजमैन का कहना है --- " बाधाएं मनुष्य के रवैये के अनुसार अपना रंग दिखाती हैं l यदि व्यक्ति सकारात्मक सोच वाला है तो बाधाएँ स्पीड ब्रेकर से अधिक कुछ नहीं होतीं , जिन्हे थोड़ा संभलकर आसानी से पार किया जा सकता है और यदि सोच नकारात्मक है तो बाधाएं पहाड़ की तरह बड़ी प्रतीत होती हैं , जिन्हे पार करना आसान नहीं दीखता l "
एक बार जब विख्यात खोजी यात्री डेविड लिविंगस्टोन अफ्रीका के घने जंगलों में जांबेजी नदी के मुहाने की खोज के लिए निकल रहे थे , तब उनके एक दोस्त ने उन्हें जंगल के मुश्किल हालातों का जिक्र करते हुए उन्हें जाने से रोकना चाहा l लेकिन लिविंगस्टोन ने कहा --- ' जब नदी वहां रास्ता बना सकती है , पेड़ - पौधे व जीव - जंतु वहां रह सकते हैं , तो मुझे वहां जाने से कौन रोक सकता है l " वे उस भयंकर वन में गए और उन्होंने उस समय की जटिल परिस्थितियों में भी अनेक खोजी यात्राएं कीं , जो अफ्रीका के इतिहास में अभी भी दर्ज है l
मनोविज्ञान के प्रोफेसर रिचर्ड वाइजमैन का कहना है --- " बाधाएं मनुष्य के रवैये के अनुसार अपना रंग दिखाती हैं l यदि व्यक्ति सकारात्मक सोच वाला है तो बाधाएँ स्पीड ब्रेकर से अधिक कुछ नहीं होतीं , जिन्हे थोड़ा संभलकर आसानी से पार किया जा सकता है और यदि सोच नकारात्मक है तो बाधाएं पहाड़ की तरह बड़ी प्रतीत होती हैं , जिन्हे पार करना आसान नहीं दीखता l "
एक बार जब विख्यात खोजी यात्री डेविड लिविंगस्टोन अफ्रीका के घने जंगलों में जांबेजी नदी के मुहाने की खोज के लिए निकल रहे थे , तब उनके एक दोस्त ने उन्हें जंगल के मुश्किल हालातों का जिक्र करते हुए उन्हें जाने से रोकना चाहा l लेकिन लिविंगस्टोन ने कहा --- ' जब नदी वहां रास्ता बना सकती है , पेड़ - पौधे व जीव - जंतु वहां रह सकते हैं , तो मुझे वहां जाने से कौन रोक सकता है l " वे उस भयंकर वन में गए और उन्होंने उस समय की जटिल परिस्थितियों में भी अनेक खोजी यात्राएं कीं , जो अफ्रीका के इतिहास में अभी भी दर्ज है l
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