कहते हैं महाभारत में कौरव वंश में दुर्योधन , दु:शासन का नाम सुयोधन और सुशासन था l वे एक उच्च कुल में पैदा हुए , भीष्म पितामह के संरक्षण में रहे , आचार्य द्रोण ने उन्हें शिक्षा दी लेकिन अधर्म पर चलने के कारण वे पूरे कौरव वंश के अंत के लिए उत्तरदायी बने l
जन्म से वे बुरे नहीं थे , लेकिन उन्हें मामा शकुनि का साथ मिला जिसने दिन - रात छल - प्रपंच , षड्यंत्र की बात कर के दुर्योधन के सोचने - समझने की शक्ति को क्षीण कर दिया l जिसे आज की भाषा में कहते हैं ' माइंड वाश ' कर दिया l दुर्योधन जिद्दी और अहंकारी बन गया , उसने पितामह भीष्म , आचार्य द्रोण भगवान कृष्ण की बात को भी नहीं माना और महाभारत में भीषण नर संहार करा के सुयोधन से दुर्योधन कहलाया l
महाभारत में शकुनि के माध्यम से संसार को यही शिक्षा दी गई है कि शकुनि जैसी मनोवृति के लोगों से दूर रहे , ऐसे लोग जहाँ भी रहेंगे , अपने विनाश के साथ - साथ अपने संपर्क में आने वालों को भी पतन के गर्त में डाल देते हैं l
जन्म से वे बुरे नहीं थे , लेकिन उन्हें मामा शकुनि का साथ मिला जिसने दिन - रात छल - प्रपंच , षड्यंत्र की बात कर के दुर्योधन के सोचने - समझने की शक्ति को क्षीण कर दिया l जिसे आज की भाषा में कहते हैं ' माइंड वाश ' कर दिया l दुर्योधन जिद्दी और अहंकारी बन गया , उसने पितामह भीष्म , आचार्य द्रोण भगवान कृष्ण की बात को भी नहीं माना और महाभारत में भीषण नर संहार करा के सुयोधन से दुर्योधन कहलाया l
महाभारत में शकुनि के माध्यम से संसार को यही शिक्षा दी गई है कि शकुनि जैसी मनोवृति के लोगों से दूर रहे , ऐसे लोग जहाँ भी रहेंगे , अपने विनाश के साथ - साथ अपने संपर्क में आने वालों को भी पतन के गर्त में डाल देते हैं l
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