विवेक के अभाव में व्यक्ति भेड़ चाल चलता है l एक भेड़ सबसे आगे चलते - चलते कुएं में गिर जाती है तो सब भेड़ें उसके पीछे कुएं में गिर जाती हैं l इसी तरह मनुष्य कितना ही पढ़ा - लिखा हो , विद्वान् हो लेकिन यदि उसका विवेक जाग्रत नहीं है , चेतना परिष्कृत नहीं है तो वह किसी भी बात की तह में जा कर सच्चाई को परखने की कोशिश ही नहीं करता l बिना सोचे समझे बस , अंधानुकरण करता है l
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने कहा है -- भौतिक प्रगति के साथ जीवन में अध्यात्म का प्रवेश जरुरी है l चेतना का परिष्कार ही सच्चा अध्यात्म है l '
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने कहा है -- भौतिक प्रगति के साथ जीवन में अध्यात्म का प्रवेश जरुरी है l चेतना का परिष्कार ही सच्चा अध्यात्म है l '
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