एक नीति कथा है ----- दो बाज एक ही पेड़ पर रहते थे l दोनों शिकार मार कर लाते और लौट कर उसी पेड़ पर बैठकर खाते l एक दिन बाज ने साँप पकड़ा दूसरे के हाथ चूहा लगा l दोनों अधमरे थे l दोनों ने सुस्ताकर खाने के लिए पंजों को ढीला छोड़ दिया l तनिक सा अवसर मिला तो साँप घायल चूहे को निगलने का पैंतरा दिखाने लगा l दोनों बहुत हँसे , वे सोचने लगे कि देखो इन मूर्ख प्राणियों की हालत स्वयं मरने जा रहे हैं , पर फिर भी द्वेष का स्वभाव और पाने का लोभ छूटता नहीं है l
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