19 June 2021

WISDOM ------

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  लिखा  है  ---- "  व्यक्तित्व  को  प्रखर , प्रामाणिक   और  पवित्र  बनाने  की  प्रक्रिया   जीवन  साधना  है   l   धन  संबंधी   ईमानदारी   और  कर्तव्य  संबंधी   जिम्मेदारी   का  समन्वय  किसी  व्यक्ति  को   प्रामाणिक  और  प्रतिष्ठित  बनाता   है   l  "                                                                                                                   जिसका  व्यक्तित्व  प्रामाणिक  होता  है   उसके  द्वारा  किया  जाने  वाला   छोटे - से  छोटा   कार्य  भी  संसार  को  प्रभावित  करता  है    l   कोई  व्यक्ति  हो  या  वस्तु   ,  उसके  प्रामाणिक  होने  पर  ही   लोग  उसका  विश्वास  करते  हैं  ,  यदि  वस्तु  है   तो   प्रमाणिकता  की  कसौटी  पर  खरा  उतरने  पर  ही   लोग  उसको  उपयोग  में   लाते      हैं  l   उसके  लिए  किसी  को  बाध्य  नहीं  करना  पड़ता  ,  वह  बिना  संदेह  स्वीकार  की  जाती  है  l   इसी  तरह  जिनके  व्यक्तित्व  प्रामाणिक  होते  हैं  ,  उनका  आचरण  लोगों  के  जीवन  को  सही  दिशा  देता  है  ,   जिनमें    विवेक  है  वे  उनका    अनुसरण  करते  हैं   और  अपने  जीवन  को  सँवारते   हैं   l 

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