पुराण में लिखा है ---- ' बिना भोग किए कर्म क्षीण नहीं होते , चाहे सौ करोड़ कल्प वर्ष ही क्यों न व्यतीत हो जाएँ l शुभ - अशुभ किए गए कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है l
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