लघु कथा ---- ' लालच का फल ' --- एक बार अंधड़ आया उसके कारण विशाल वृक्ष गिरा l पेड़ के नीचे एक ऊँट बैठा था , उसकी कमर टूट गई और टहनियों पर लगे घोंसलों में पक्षी और अंडे -बच्चे गिर गए l ढेरों मांस वहां बिखरा पड़ा था l उस समय एक भूखा सियार उधर से निकला और अनायास ही इतना भोजन पाकर बहुत प्रसन्न हुआ l सोचने लगा कि महीनों तक पेट भरने का साधन हो गया l निश्चिन्त होकर उसने नजर दौड़ाई तो नदी तट पर एक बड़ा सा मेढ़क दीखा l सियार ने सोचा कि पहले इसे लपक लिया जाए , नहीं तो ये डुबकी लगाकर भाग खड़ा होगा और हाथ से निकल जायेगा l सियार ने मेढ़क पर झपट्टा मारा l मेढ़क नदी में खिसक गया l सियार भी इस चिकनी मिटटी में फिसलता चला गया और गहरे पानी में समा गया l जितना भोजन उसके सामने था उसमे संतोष कर लेता तो यह नौबत न आती l ' लालच बुरी बला है l '
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