पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी का कहना है ---- ' केवल वर्तमान ही हमारी निधि है l जो ये जानते हैं , वे वर्तमान क्षण का सार्थक उपयोग कर लेते हैं और किसी खास अवसर की प्रतीक्षा करने वाले समूचे जीवन के समय एवं अवसर को ही गँवा देते हैं l वर्तमान के क्षणों को यों ही निरर्थक मानकर महत्वहीन समझ लेने की भूल नहीं करनी चाहिए l जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी क्षण को बेकार न जाने दिया जाये और हर क्षण शुभ कर्म करते रहा जाये l बूँद - बूँद से सागर बनता है और क्षण - क्षण से जीवन l '
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