26 January 2022

WISDOM -----

   महर्षि  दयानंद   के  एक  शिष्य  थे --- अमीचन्द्र   l   वे  गाते   भी  बहुत  अच्छा  थे   और  तबला   भी बजाते  थे  l   पर  उन्हें  शराब  पीने  की  बुरी  लत  थी   l   दूसरे  शिष्यों  ने  उनसे  कहा  --- ' भगवन ,  इन्हे  अपने  साथ  न  रखें   l   इनसे  हम  सबकी  प्रतिष्ठा  गिरती  है   l   स्वामी जी  बोले --- " पहले   यह  गाता   था  ,  पेट  के  लिए   व  मनोरंजन  के  लिए   l   अब  जब  से  हम  से  जुड़ा  है  ,  भगवान   की  खातिर   उन्ही  को   सुनाकर   गीत  गाता   है   l   यह  स्वयं  बदलेगा  l  "  हुआ  भी  वही   l   प्रेरक  प्रभु  के  सन्देश   को  फैलाने  वाले   गीत  सुनाते - सुनाते   अमीचन्द्र  बदल  गए  ,  उनकी  आदत  भी  छूट  गई   और  समाज  सुधार  के  कार्य  में    स्वामी जी  के  सहयोगी  बने  l 

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