25 April 2023

WISDOM ----

    लघु कथा ---- बंदरों  का  एक  दल  आम  के  बाग़  में  निवास  करता  था  l  बन्दर  जब  भी  आम  तोड़ने  का  प्रयास  करते  तो  आम  तो  कम  हाथ  लगते  ,  पर  बाग़  के  रखवालों  के  पत्थर  ज्यादा  झेलने  पड़ते  l  तंग  आकर  बंदरों  के  सरदार  ने   एक  दिन  बंदरों  की  सभा  बुलाई   और  उसमे  घोषणा  की  कि  ' आज  से  हम  लोग   अपना  अलग  बाग़  लगाएंगे  और  उसमें  आम  के  पेड़  लगाएंगे  l  इससे  रोज -रोज  के  इस  झंझट  से  मुक्ति  मिलेगी   l  बात  बाकी  बंदरों  को  जँच  गई  l  सबने  आम  की  एक -एक  गुठली  ली  और  जमीन  में  गड्ढा  कर  के   बो  डाली  l  बंदरों  में  प्रसन्नता  की  लहर  व्याप्त  हो  गई  कि   अब  शीघ्र  ही  हर  बन्दर   आम  के  एक  पेड़  का  स्वामी  होगा  l  लेकिन  कुछ  ही  घंटे  गुजरे  थे  कि  बंदरों  ने   जमीन   खोदकर  गुठलियाँ  बाहर  निकाल  लीं  ,  ताकि  ये  देख  सकें  कि   गुठलियों  से  पेड़  निकला  या  नहीं   l  देखते  ही  देखते  सारा  बाग़   उजड़  गया  l  दूर  से  यह  द्रश्य  देखकर  संत  ने  अपने  शिष्यों  से  कहा ----- 'कर्मों  का  इच्छानुसार  फल  प्राप्त  करना  हो  तो   प्रयत्न  के  अतिरिक्त  धैर्य  की  भी  आवश्यकता  होती  है  l  अधीर  मनुष्यों  का  हाल  भी  इन  मूर्ख  वानरों  के  समान  ही  होता  है  l  हर  विकास  के  लिए  एक  समय  विशेष  अनिवार्य  है  l  '

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