26 April 2023

WISDOM ----

   पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- 'प्रत्येक  छोटे  से  लेकर  बड़े  कार्यक्रम   शांत  और  संतुलित  मस्तिष्क  द्वारा  ही  पूरे  किए  जा  सकते  हैं  l  संसार  में  मनुष्य  ने  अब  तक  जो   कुछ  भी   उपलब्धियाँ  प्राप्त  की  हैं  , उनके  मूल  में   धीर -गंभीर  शांत  मस्तिष्क  ही  रहे  हैं  l  कोई  भी  साहित्यकार  , वैज्ञानिक , कलाकार -शिल्पी , यहाँ  तक  की  बढ़ई , लोहार , सफाई  करने  वाले  श्रमिक   तक  अपने  कार्य  , तब  तक  भली  भांति  नहीं  कर  सकते , जब  तक  उनकी  मन:स्थिति  शांत  न  हो   l '                            कार्ल मार्क्स  ने  अपनी  विश्वविख्यात   कृति  ' दास कैपिटल  '   एक  पैर  पर  खड़े  होकर  लिखी  , क्योंकि  उन  दिनों  उनके   नितंब  पर  फोड़ा  निकला  हुआ  था  , जिससे  वह  बैठ  नहीं  पाते  थे  l  कार्ल मार्क्स  ने  अपने  मित्र  से  एक  बार   हँसी  में  कहा  था  कि  मेरा  यह  फोड़ा  पूंजीपतियों  को  बहुत  दरद  देगा   और  उनकी  यह  बात  सच  निकली  l  

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