लुकमान जिस नगर में रहते थे , वहीँ एक सेठ भी रहता था , जो अपने नौकरों पर सख्ती के लिए मशहूर था l उसका एक नौकर जो हकीम लुकमान के ही रंग रूप का था , एक दिन भाग खड़ा हुआ l उसकी खोज करते हुए सेठ की भेंट लुकमान से हो गई l उसने लुकमान को ही नौकर समझकर पकड़ लिया और घर लाकर काम पर लगा लिया l लुकमान ने भी कोई प्रतिरोध नहीं किया और मेहनत से काम में जुट गए l एक वर्ष में मकान बन गया , तब एकाएक वह पुराना नौकर भी उपस्थित हुआ और अपनी भूल के लिए सेठ से क्षमा याचना करने लगा l सेठ वह बात तो भूल गया , उसे यह चिंता छा गई कि धोखे से किसे पकड़ लिया l वह लुकमान के पास गया और बोला ---- " सच -सच कहिए आप कौन हैं ? मुझसे बड़ी गलती हो गई l " लुकमान ने हंसकर कहा ---- " हकीम लुकमान l अब जो हुआ उसका दुःख न करो l मुझे इस एक वर्ष में मकान बनाने की विद्या मालूम हो गई l "
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