यदि किसी के मन में स्वयं के प्रति विद्वेष पैदा करना है , जो दशकों तक पलता रहे और मौत के बाद भी बना रहे , तो इसके लिए उसकी कुछ चुने हुए शब्दों में चुभती हुई आलोचना करनी होती है l जाने - अनजाने में ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं और दूसरों के मन में खुद के लिए विषबीज बो देते हैं l
बॉब हूवर एक प्रसिद्ध टेस्ट पाइलट थे जो एयर शो में अक्सर प्रदर्शन किया करते थे l एक बार वे सैनडीएगो से एयर शो में हिस्सा लेने के बाद लास एंजिल्स में अपने घर को लौट रहे थे कि अचानक हवा में तीन सौ फीट की ऊंचाई पर उनके हवाई जहाज के दोनों इंजन बंद हो गए l कुशल तकनीक से उन्होंने जहाज को उतारा l हवाई जहाज का तो बहुत नुकसान हुआ परन्तु किसी को चोट नहीं आई l उन्होंने हवाई जहाज के ईंधन कि जाँच की तो पाया कि द्वितीय विश्व युद्ध के प्रसिद्ध हवाई जहाज में किसी ने गैसोलीन कि जगह जेट का ईंधन डाल दिया l
उन्होंने उस मैकेनिक को बुलाया जिसने हवाई जहाज की सर्विसिंग की थी l युवा मैकेनिक अपनी गलती पर बहुत शर्मिंदा था किन्तु बॉब हूवर ने उसे कोई फटकार नहीं लगाई, इसके बजाय अपने हाथ उसके कंधे पर रखकर कहा ----- " मुझे पूरा भरोसा है अब तुम दोबारा ऐसा नहीं करोगे l मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे एफ--51 हवाई जहाज की सर्विसिंग करो l "
उनके इस व्यवहार से उस मैकेनिक के अन्दर हूवर के प्रति श्रद्धा - विश्वास का भाव पनपा और फिर कभी भी उसने अपनी पुरानी गलती नहीं दोहराई l
लोगों की आलोचना करने के बजाय उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए l
बॉब हूवर एक प्रसिद्ध टेस्ट पाइलट थे जो एयर शो में अक्सर प्रदर्शन किया करते थे l एक बार वे सैनडीएगो से एयर शो में हिस्सा लेने के बाद लास एंजिल्स में अपने घर को लौट रहे थे कि अचानक हवा में तीन सौ फीट की ऊंचाई पर उनके हवाई जहाज के दोनों इंजन बंद हो गए l कुशल तकनीक से उन्होंने जहाज को उतारा l हवाई जहाज का तो बहुत नुकसान हुआ परन्तु किसी को चोट नहीं आई l उन्होंने हवाई जहाज के ईंधन कि जाँच की तो पाया कि द्वितीय विश्व युद्ध के प्रसिद्ध हवाई जहाज में किसी ने गैसोलीन कि जगह जेट का ईंधन डाल दिया l
उन्होंने उस मैकेनिक को बुलाया जिसने हवाई जहाज की सर्विसिंग की थी l युवा मैकेनिक अपनी गलती पर बहुत शर्मिंदा था किन्तु बॉब हूवर ने उसे कोई फटकार नहीं लगाई, इसके बजाय अपने हाथ उसके कंधे पर रखकर कहा ----- " मुझे पूरा भरोसा है अब तुम दोबारा ऐसा नहीं करोगे l मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे एफ--51 हवाई जहाज की सर्विसिंग करो l "
उनके इस व्यवहार से उस मैकेनिक के अन्दर हूवर के प्रति श्रद्धा - विश्वास का भाव पनपा और फिर कभी भी उसने अपनी पुरानी गलती नहीं दोहराई l
लोगों की आलोचना करने के बजाय उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए l
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