यह मनुष्य की अदूरदर्शिता और अज्ञान है कि वह क्षणिक लाभ के लिए वर्तमान में बुरे कर्म करने , अत्याचारी , अन्यायी का साथ देने के लिए तैयार हो जाता है और अच्छे कर्मों के माध्यम से लाभ कमाने के लिए तैयार नहीं होता l इसे प्रकृति अपने ढंग से समझाती है --- यदि खेत में आम बोया है तो एक निश्चित समय के बाद आम ही मिलेगा लेकिन यदि हमने बबूल बोया है तो कांटे ही मिलेंगे , उसमे किसी तकनीक से परिवर्तन संभव नहीं है l
औरंगजेब दिल्ली का शासक था , उसके पास किसी तरह की कोई कमी नहीं थी लेकिन सत्ता हथियाने के लिए उसने अपने भाइयों की हत्या करवाई , पिता को मरवाया l ऐसा कर के उसने राज्य तो पा लिया लेकिन उसका अंतिम जीवन बहुत कष्टपूर्ण था , विक्षिप्त होकर मरा l
इसके विपरीत सम्राट अशोक ने ह्रदय परिवर्तन के बाद जनता के कल्याण के अनेकों कार्य किये , प्रजा जनों को सुशासन देने के हर संभव कार्य किये इसलिए आज भी सम्राट अशोक का नाम आदर के साथ लिया जाता है l
औरंगजेब दिल्ली का शासक था , उसके पास किसी तरह की कोई कमी नहीं थी लेकिन सत्ता हथियाने के लिए उसने अपने भाइयों की हत्या करवाई , पिता को मरवाया l ऐसा कर के उसने राज्य तो पा लिया लेकिन उसका अंतिम जीवन बहुत कष्टपूर्ण था , विक्षिप्त होकर मरा l
इसके विपरीत सम्राट अशोक ने ह्रदय परिवर्तन के बाद जनता के कल्याण के अनेकों कार्य किये , प्रजा जनों को सुशासन देने के हर संभव कार्य किये इसलिए आज भी सम्राट अशोक का नाम आदर के साथ लिया जाता है l
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