5 January 2021

WISDOM -----

   श्रीमद भगवद्गीता   में  श्री भगवान  ने   अभिमान   या  घमंड  को  आसुरी  लक्षण  बताया  है  l   घमंड  उसका  होता  है  ,  जो  उसके  पास  है  l   जैसे  किसी  के  पास  अपार  धन - सम्पदा  है  तो  उसे  उसका  घमंड  हो  जाता  है  l  पुराण  में  कथा  है  कि   स्वर्ण  में  अर्थात  अपार  धन  संपदा   में  कलियुग  का  निवास  होता  है    और  जो  उसे  धारण  करता  है  कलियुग  उसकी  बुद्धि  को  ,  उसकी  मानसिकता  को  विकृत   कर देता  है  l   जैसे  राजा  परीक्षित    स्वर्ण  मुकुट    पहन  कर  जंगल  में  भ्रमण  करने  अथवा  शिकार  को  गए  l   स्वर्ण  मुकुट  में  कलियुग  ने  प्रवेश  कर  लिया    जिससे  राजा  की   बुद्धि भ्रष्ट  हो  गई   और  उन्होंने   ऋषि  जो  समाधि   में  थे  उनके  गले  में  मृत  साँप   डाल   दिया  l   जब  वे  वापस  महल  में  आये  और  स्वर्ण  मुकुट  उतार  कर  रखा  तब  उनकी  बुद्धि  स्थिर  हुई  ,  उन्हें  होश  आया  कि   उनसे  कितना  गलत  काम  हो  गया  ,  लेकिन  तब  तक  बहुत  देर  हो  चुकी  थी  ,  ऋषि  पुत्र  ने  उन्हें  श्राप  दे  दिया  था  l   स्वर्ण मुकुट  तो  उतार  के  रखा  जा  सकता  है   लेकिन  वर्तमान  समय  में   जो    धन संपन्न  है   ,  वह  हर  पल   धन  वैभव  से  घिरा  हुआ  ,  उसी  के  ढेर  पर  बैठा  होता  है  l  दोष  व्यक्ति  का  नहीं  है  ,   कलियुग  को  अपना  स्थान  मिल  जाता  है  ,  वह  बुद्धि  को   कुछ  इसी  तरह  की  बना  देता  है   जैसी     राजा  परीक्षित  की  स्वर्ण मुकुट  धारण  करने   से  हो  गई  थी  l   फिर  वह   अपने  स्तर   के  अनुसार  समाज ,  राष्ट्र  अथवा  समूचे  संसार  को   अपनी  इस  बुद्धि   से  प्रभावित  कर  लेता  है  l    विवेकहीनता  और  दुर्बुद्धि  ही   सारे   संकट पैदा  करती  है  l   महात्मा  गाँधी  ने  गीता  को  अपने  जीवन  में  आत्मसात  किया   l   सादगी  का  जीवन  जिया  और  अपनी  हस्ती  का  कभी   अभिमान नहीं  किया  l   उन्होंने  उद्दोगपतियों   को  भी  यही  सलाह  दी  कि   वे  स्वयं   को    इस  सम्पति  का   ट्रस्टी  समझें  और  अपनी  आवश्यकता  को  पूरा  कर  शेष  धन  लोक कल्याण  में  लगाएं  l  गाँधी जी  के  आचरण   का ही  प्रभाव  था   कि  उस  समय  के  सम्पत्तिवानों  ने  अपना  जीवन ,  धन  सब  कुछ  देश  हित     में  समर्पित  किया  l   धन  का  सदुपयोग  कर  के  ही  कलियुग  के  दुष्प्रभाव   से बचा  जा  सकता  है  l  

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