5 January 2021

WISDOM ---- वर्तमान के प्रति सजग रहना जरुरी है

  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  का  कहना  है  ---- ' जो  वर्तमान  को  पहचान  लेते  हैं  ,  उसके  प्रति  सजग  रहते  हैं  ,  वे  एक  ऐसे  जीवन  को  प्राप्त  कर  लेते  हैं  ,  जिसका  प्रत्येक  क्षण  मूलयवान  हो  जाता  है  l  हमें  वर्तमान  क्षण  में  जीने  की  कला  आनी    चाहिए  l  "   एक  कथा  है  ----- एक  बादशाह  ने  अपने  दम्भ  और  अहंकार   के  कारण  एक  फ़क़ीर  की  किसी  बात  से  नाराज  होकर  उसे  कैद  कर  लिया   l   फकीर   के  मित्र  ने  उसे  समझाया  कि   तुमने  बैठे - बैठाए   यह  मुसीबत  क्यों  मोल  ले  ली  ?  न  कहते  वे  सब  बातें  तो  तुम्हारा  क्या  बिगड़  जाता   ?  और  बोल   भी    दिया   तो  वह  कौन  सा  बदल  गया  l    फकीर   ने  कहा  --- ' अब  झूठ  बोला     नहीं  जाता  l  फिर  इस  कैद  का  क्या   ?  यह  कैद  तो  बस  घड़ी   भर  की  है  l '  एक  सिपाही  ने  फकीर   की  यह  बात  सुन  ली   और  बादशाह  को  बता  दी  l   बादशाह  ने  कहा ---- " उस  पागल  फकीर   से  कहना  यह   कैद  घड़ी   भर  की  नहीं  ,  बल्कि  जीवन  भर  की  है  l   जीवन  भर  उसे  उसी  कैद  में  रहते  हुए  यह  याद  रखना  होगा  कि  मैं  भविष्य  को  अपनी  मुट्ठी  में  भर  सकता  हूँ  l "  फ़क़ीर  ने  बादशाह  की  बात  सुनी   तो  हँसने   लगा  और  बोला ----  " ओ   भाई  !  बादशाह  से  पूछना  कि   क्या  जिंदगी  उसकी  मुट्ठी  में  कैद  है  ?  क्या  उसकी  ताकत  समय  के  पहिये  को  थाम   सकती  है  ?  क्या  उसे  पता  है  कि   पल  भर  बाद  क्या  घटने  वाला  है  ? "   जब  तक  फकीर    की  यह  बात  बादशाह  तक  पहुँचती  ,  उससे  पहले  ही  बादशाह  को  दिल  का  दौरा  पड़ा   और  उसकी   मृत्यु हो  गई  l     नए  बादशाह  ने  फकीर   को  आजाद  कर  दिया   l   मनुष्य  को  चाहिए  कि   वह  वक्त  से  डरकर  रहे  l  वक्त  का  मिजाज  कब  बदल  जाए ,  कोई  नहीं   जानता   l   

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