1 June 2022

WISDOM --------

       आज  संसार  में  इतनी  अशांति  , इतना  तनाव  इसलिए  है   क्योंकि  लोग  ईश्वर  को  भूल  गए  हैं   l   अब  लोग  विभिन्न  कर्मकांड  कर  के  अपने  आस्तिक  होने  का  दावा  तो  करते  हैं    लेकिन  सच  तो  यह  है  कि  ईश्वर   की  शक्ति  का  लोगों  को  एहसास  ही  नहीं  है  ,  वे  उसे  अपनी  स्वार्थ पूर्ति  का  साधन  समझते  हैं   l   मनुष्य  के  इस  अहंकार  से  प्रकृति  नाराज  हो  जाती  है   और  प्रकृति  का  क्रोध  हमें  संसार  में  विभिन्न  रूपों  में  दिखाई  पड़ता  है   l   एक  कथा  है ----  एक  व्यक्ति  एक  मंदिर  में  बहुत  जोर -जोर  से  रामायण  पाठ  कर  रहा  था   l  एक  संत  बैठे  सुन  रहे  थे   और  बहुत  प्रसन्न  हो  रहे  थे   कि  इस  समय  भी  ऐसे  भक्त  हैं   l  जब  वह  पाठ  कर  के  उठा  तो  संत  ने  पूछा  --- "  बेटा  !  क्या  रोज  पाठ  करते  हो  ?  '  उसने  चरण  छूकर  कहा --- "  नहीं  महाराज  ,  रोज  तो  समय  नहीं  मिलता  ,  मंगलवार  को  करता  हूँ l  आज  कचहरी  में  पेशी  है  ,  जल्दी  में  हूँ ,  आकर  बात  करूँगा  l  "  संत  ने  पूछा --- "  कचहरी  में , क्या  किसी  से  कोई  मुकदमा  चल  रहा  है   ? "  वह  बोला  --- " हाँ ,  असल  में  मेरा  भाई  है न  ,  उस  दुष्ट  ने  मेरी   चार  गज  जमीन  दबा  ली  ,  आज  उसकी  पेशी  है  l  जीत  गया  तो  शाम  को  प्रसाद  बांटूंगा  l  "  यह  कहकर  वह  तो  चला  गया  ,  पर  संत  ने  अपना  माथा  पीट  लिया   l  रामायण  का  पाठ  कर  रहा  है ,  भगवान  श्रीराम  का  चरित्र  पढ़  रहा  है   और  भाई  पर  चार  गज  जमीन  के  लिए  मुकदमा  l  क्या  लाभ  है    ऐसी  भक्ति  से   ? दिखावा  है  l 

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