ऋषियों का वचन है कि अनजान व्यक्ति हो या अनजान वस्तु हो , बिना सोचे - समझे उस पर तुरंत विश्वास नहीं कर लेना चाहिए l हमेशा जागरूक रहें l एक कथा है ------ दो बन्दर एक दिन घूमते -घूमते एक गाँव के समीप पहुँच गए l उन्होंने वहां फलों से लदा पेड़ देखा l एक बन्दर ने दूसरे से चिल्लाकर कहा --- " इस पेड़ को देखो , ये फल कितने सुन्दर दिख रहे हैं l ये अवश्य ही स्वादिष्ट होंगे , चलो , हम दोनों पेड़ पर चढ़कर फल खाएं l " बंदरों के दल के मुखिया ने जब ये बात सुनी तो उसने कहा --- " नहीं , नहीं l जरा ठहरो ! यह पेड़ गाँव के समीप है और इसके फल इतने सुन्दर और पके हुए हैं , लेकिन यदि ये फल अच्छे होते तो गाँव वाले ही इन्हें तोड़ लेते , इन्हें ऐसे ही पेड़ पर नहीं लगे रहने देते l इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि किसी ने भी इन फलों को हाथ तक नहीं लगाया है l हो सकता है ये फल खाने लायक ही न हों l " मुखिया ने अपने दल के सभी सदस्यों को सावधान किया l लेकिन वह बन्दर नटखट था , उसमे धैर्य नहीं था l मुखिया से छुपकर वह जल्दी से पेड़ पर चढ़ गया और फल खाने लगा l यह फल ही उसका अंतिम भोजन बन गया क्योंकि वे फल जहरीले थे l
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