लघु -कथा ---- एक व्यक्ति का स्वभाव बहुत क्रोधी था , हमेशा पत्नी और बचों को डांटता रहता था l एक दिन एक पंडित जी उनके घर आए ,जो उसके स्वभाव से परिचित थे l उस व्यक्ति ने पंडित जी से पूछा --- " मैं व्यापर कर रहा हूँ , उसमे लाभ होगा या नहीं l " पंडित जी ने कहा --- " लाभ -हानि की बात छोडो , तुम पर अभी बहुत क्रूर ग्रह हैं l एक सप्ताह में तुम्हारी मृत्यु का योग है l " यह सुनकर वह घबरा गया और पंडित जी से उपाय पूछा l पंडित जी ने कहा --- " दान -पुण्य करो , माता - पिता की सेवा करो , बच्चों को प्यार करो , गरीब और अशक्त लोगों की मदद करो l सबकी प्रार्थना और आशीर्वाद से ग्रह टल सकते हैं l दुआ में बहुत शक्ति होती है l " यह सुनकर सबसे पहले वह उन स्थानों पर गया जहाँ जरूरतमंद बैठे थे , उनको अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान किया l बच्चों को प्यार से खाना खिलाया , उन्हें उनकी जरुरत का समान खरीदकर दिया l माता -पिता के पास बैठकर उनका मन का हाल जाना l पत्नी के साथ घर के कार्य में सहयोग किया l उसे भी उस दिन बहुत अच्छा लगा l तीन दिन बीत गए , घर के सब सदस्य खुश थे और ईश्वर से उसके स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे l घर का वातावरण ही बदल गया l मंदिर पहुंचा तो पंडित ने कहा --- " माता -पिता के आशीर्वाद और परिवार के सब सदस्यों की प्रार्थना से ग्रह टल गए , अब तुम ऐसे ही ठीक तरह से रहो l
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