लघु कथा ---- 1 . मूर्ख को सीख न दो --- पेड़ पर एक बन्दर बैठा ठंड से सिकुड़ रहा था l उसके पास ही एक टहनी पर बया नामक पक्षी का घोंसला था l बया ने बन्दर की दुर्दशा देखकर उससे कहा --- " ए बन्दर ! तेरे हाथ -पाँव मनुष्य के समान हैं , फिर भी तू इस प्रकार क्यों कष्ट पाता है , अपने लिए एक घोंसला क्यों नहीं बना लेता ? देख मैं तो एक छोटा सा पक्षी हूँ , फिर भी मैंने अपने लिए एक घोंसला बना लिया है और उसमें सुख से रहता हूँ l " बन्दर को बया का यह कहना बहुत बुरा लगा और उससे उसका सुख से होना भी सहन नहीं हुआ उसने हाथ मारकर उसका घोंसला तोड़ दिया l बया तो बहुत मेहनती थी उसने पुन : अपना घोंसला बना लिया और वह समझ गई कि मूर्ख को कोई उपदेश नहीं देना चाहिए l
2 . बड़ा कौन ---- स्वामी रामकृष्ण परमहंस के दो शिष्यों में विवाद छिड़ गया कि उनमें बड़ा कौन है ? अंत में दोनों स्वामी जी के सम्मुख गए l स्वामी जी ने उत्तर दिया ---- " बड़ा सरल हल है , तुममे से जो दूसरे को बड़ा समझे , वही बड़ा है l " अब तो विवाद का स्वरुप ही बदल गया l दोनों एक दूसरे को " तू बड़ा , तू बड़ा " कहने लगे l
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