6 June 2023
WISDOM -----
लघु -कथा -----1 . एक धनी व्यक्ति बहुत कंजूस था l उसने घर की स्त्रियों को भी कुछ दान देने से मना कर रखा था l एक दिन एक भिखारी उसके यहाँ भीख मांगने आया तो धनिक की नव विवाहिता पुत्र वधू भिखारी से बोली --- " हमारे यहाँ तुम्हे देने के लिए कुछ नहीं है l " भिखारी बोला --- "फिर तुम लोग क्या खाते हो ? " वह बोली ---- " हम बासी खाना खाते हैं , जब यह भी समाप्त हो जायेगा तो हम भी तुम्हारी तरह भीख मांगेंगे l " सेठ ऊपर बैठा भिखारी और पुत्र वधू की बातें सुन रहा था l उसने अपनी पुत्रवधू से कहा कहा ---- " तुम यह क्या कह रही हो कि हम भी भीख मांगेंगे l " पुत्रवधू बोली ---- " पिताजी , हमारे पास अभी जो धन है , उसे हमने पिछले जन्म में किए गए परमार्थ कार्यों के पुण्य स्वरुप पाया है , परन्तु अब हम परमार्थ रूपी पुण्य कार्य नहीं कर रहे हैं , इसलिए पिछला पुण्य समाप्त होते ही हमें भीख मांगनी पड़ेगी l " यह सुनकर सेठ को अपनी भूल का भान हुआ , उसका जीवन बदल गया और उसने निर्धनों , जरुरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा -सहायता करना शुरू कर दिया l
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