नियमितता ही जीवन है ।सूर्य एक नियमितता लिये हुए उदय एवम अस्त होता है ।पृथ्वी ,चन्द्रमा ,ग्रह ,तारे सभी निश्चित गति से सुसंचालित हैं ।कीड़े मकोड़े और पक्षियों में यह विशेषता पाई जाती है वे अपने भीतर की किसी अज्ञात घड़ी के मार्गदर्शन से अपनी गतिविधियाँ व्यवस्थित रखते हैं ।मुर्गा समय पर बांग देता है ,चमगादड़ रात को ही उड़ता है ।चींटियों की प्रणय केलि नियत निर्धारित मुहूर्त पर होती है ।वर्ष में एक दिन एक ही समय उनका नियत रहता है ।यदि हम इन छोटे प्राणियों से समय पालन की नियमितता सीख सकें तो जीवन को व्यवस्थित रखकर वांछित दिशा में प्रगति कर सकते हैं ।
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