'अविराम श्रम साधना के अभाव में कोई बीज कभी वृक्ष नहीं बनता | '
जीवन में सफल होने के लिये यदि हम सही रास्ते अपनाये ,नीति का सहारा लें ,कठोर परिश्रम करें ,अपनी असफलताओं से सीख लें ,तो उसके बाद मिलने वाली सफलता या असफलता उस व्यक्ति के लिये कोई विशेष मायने नहीं रखती ,वरन व्यक्ति वह चीज हासिल करता है ,जिसे संतुष्टि एवं अनुभव कहते हैं ,लेकिन यहाँ तक का सफर केवल वे ही पूरा कर पाते हैं ,जो अपने कार्य के प्रति सकारात्मक द्रष्टिकोण एवं धैर्य रखते हैं |
थॉमस अल्वा एडिसन अमेरिका के न्यूजर्सी में अपनी किसी एक कार्यशाला में देर रात तक बिजली के बल्ब बनाने की कोशिश में जुटे थे | उन्होंने कई प्रयोग किये ,लेकिन हर बार विफल रहे | उनकी विफलता की कहानियाँ शहर में तब और मशहूर हो गईं ,जब उनका पांच सौवाँ (5 0 O )प्रयोग भी असफल रहा | तब एक महिला पत्रकार ने साक्षात्कार के दौरान उनसे पूछा -"आप अपना यह प्रयास बंद क्यों नहीं कर देते ?"इस पर एडिसन का जवाब था -"नहीं ,नहीं मैडम !यह आप क्या कह रहीं हैं !....मैं पांच सौ बार विफल नहीं हुआ ,बल्कि मैंने पांच सौ बार काम न कर सकने वाले तरीकों की तलाश करने में सफलता पाई है | मैं सफलता के बिलकुल करीब हूँ | "और इसके बाद 1879 में एडिसन अपने फिलामेंट वाले बिजली के बल्ब का अविष्कार कर सकने में सफल हो सके | यह उनका ऐसा अविष्कार था ,जिसने पूरी दुनिया को रोशन कर दिया | अपनी मृत्यु के समय तक पांच सौ बार असफल होने वाला यह व्यक्ति 1 0 2 4 आविष्कारों का पेटेंट करा चुके थे |
उन्होंने संसार को द्रढ़ता की शक्ति से परिचित कराया ,असफलताओं से सबक लेना और हार न मानने का जादुई नतीजा हासिल कर दिखाया | सफल होने के लिये असफलता से घबराना छोड़कर नाकामी को गले लगाना सिखाया | असफलता हमें बहुमूल्य सबक सिखाती है ,बशर्ते हम में सीखने की चाहत हो
| हमारे जीवन के राजमार्ग पर मील का ऐसा कोई पत्थर नहीं होता ,जो हमें यह बताये कि सफलता से अब हमारा फासला कितने किलोमीटर बचा है | ऐसी परिस्थिति में पेशे से फोटोग्राफर और पत्रकार जैकब रीस का द्रष्टिकोण सकारात्मक है | उन्हें जब लगता है कि जीवन में वे कुछ काम नही कर पा रहे तो वे पत्थर तोड़ने वालों को देखने चले जाते हैं ,जिनके सौ बार किये गये आघात के बावजूद पत्थर के उस टुकड़े पर सिर्फ दरारें नजर आती हैं ,लेकिन जैसे ही 101 वां आघात पड़ता है ,पत्थर के दो टुकड़े हो जाते हैं | इस प्रक्रिया में पत्थर के टूटने में पिछले सौ प्रहारों का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान था ,जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता |
इसी प्रकार हमारी जिंदगी में भी किये गये हमारे हर प्रयास महत्वपूर्ण होते हैं ,भले ही हम उनके महत्व को समझ सकें या नहीं |
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