नारद के परामर्श से ध्रुव भगवत प्राप्ति के लिये तपस्या करने लगे | बहुत दिन बाद नारद उधर से गुजरे और पूछा -"यदि साधना से सिद्धि न मिली तो क्या करोगे ?"
ध्रुव ने कहा -"तब मैं सोचूंगा कि इतने बड़े प्रयोजन के लिये एक जन्म जितना समय बहुत कम है | मुझे यह प्रयत्न अनेक जन्मों तक करते रहना चाहिये | "इस अविचल श्रद्धा को देखकर नारद बहुत प्रभावित हुए | ध्रुव को गले से लगाकर बोले -"इतनी प्रगाढ़ निष्ठा के रहते असफलता का कोई प्रश्न शेष नहीं रह जाता | "
ध्रुव ने कहा -"तब मैं सोचूंगा कि इतने बड़े प्रयोजन के लिये एक जन्म जितना समय बहुत कम है | मुझे यह प्रयत्न अनेक जन्मों तक करते रहना चाहिये | "इस अविचल श्रद्धा को देखकर नारद बहुत प्रभावित हुए | ध्रुव को गले से लगाकर बोले -"इतनी प्रगाढ़ निष्ठा के रहते असफलता का कोई प्रश्न शेष नहीं रह जाता | "
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