1 May 2013

THOUGHT IS THE SOUL OF ACT

मनुष्य का जीवन उसके विचारों का प्रतिबिम्ब है | सफलता -असफलता ,उन्नति -अवनति ,तुच्छता -महानता ,.सुख -दुःख ,शांति -अशांति आदि सभी पहलू मनुष्य के विचारों पर निर्भर करते हैं | विचारों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है | विचारों की शक्ति से बढ़कर इस संसार में कोई शक्ति नहीं है | इसी के सहारे मनुष्य जो बनना चाहता है ,बन सकता | यदि सोचने का सही तरीका जान लिया जाये ,तो समझना चाहिये कि संतोष ,सहयोग और सफलता प्राप्त करने की कुंजी हाथ लग गई |
कितने ही व्यक्ति विकलांगता को अभिशाप मान कर रोते हैं ,भाग्य और विधाता पर दोषारोपणकरते रहते हैं ,किंतु महाकवि मिल्टन अंधे थे ,उनके विचार ऐसे लोगों से भिन्न थे | वे कहते थे -65 इंच लंबे - चौड़े शरीर में आँखों की 2 इंच की कमी से पूरे शरीर को अनुपयोगी ठहराना कहां की बुद्धिमानी है | वे पूरे जीवन ज्ञान -साधना में लगे रहे | ऐसे परिपक्व विचारों के  कारण ही विश्व विख्यात कवियों की श्रेणी मे उनका नाम आज भी बड़े आदर के साथ लिया जाता है |
व्यक्ति अजस्त्र शक्तियों का भण्डागार है ,उसमे प्रचुर सामर्थ्य है | यदि वह अपने विचारों में दूरदर्शी विवेकशीलता का समावेश कर ले ,तो दुर्बल और दुर्भाग्यग्रस्त रहने वाला व्यक्ति भी अपने जीवन में सौभाग्य की स्थिति का आनंद उठा सकने में समर्थ हो सकता है |   

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