'असंभव का संभव होना ही ईश्वर की उपस्थिति का प्रमाण है | '
गैलीलियो ने स्रष्टि विज्ञान पर एक पुस्तक की रचना की | इस पुस्तक को लेकर वह संत नील्स के पास गये | संत ईश्वर भक्त थे | उन्होंने दो -तीन दिन में पूरी पुस्तक पढ़ डाली ,परन्तु उसमे कहीं भी ईश्वर का उल्लेख नहीं था | स्रष्टि विज्ञान पर स्रष्टा का कोई उल्लेख नहीं ,बात विचित्र थी ,| विज्ञान को शायद ईश्वर की उपेक्षा में ही तुष्टि का अनुभव होता है |
कुछ दिनों बाद गैलीलियो पुन:संत नील्स के पास गये तो उन्होंने कहा" और तो सब ठीक है ,व्यवस्थित है ,तर्कबद्ध है ,परंतु थोड़ी खाली जगह कहीं मालूम पड़ती | इसमें स्रष्टि के स्रष्टा -ईश्वर का कहीं भी उल्लेख नहीं है |यहां तक कि इनकार करने के लिये भी नहीं | अरे !यही कह देते कि ईश्वर नहीं है | तुम्हे ऐसा नहीं लगता कि ईश्वर के बिना ,उसकी स्रष्टि थोड़ी अधूरी मालूम पड़ती है | "
गैलीलियो ने कुछ कहा नहीं ,पर सोच में पड़ गये | संत नील्स कहे जा रहे थे --"ईश्वर की उपेक्षा एवं विस्मरण से ,जीवन में एवं स्रष्टि में जो खालीपन की अनुभूति होती है वहीं पीड़ा का जन्म होता है | जीवन से एवं स्रष्टि से यदि पीड़ा को हटाना है तो ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव करना पड़ेगा |
गैलीलियो ने स्रष्टि विज्ञान पर एक पुस्तक की रचना की | इस पुस्तक को लेकर वह संत नील्स के पास गये | संत ईश्वर भक्त थे | उन्होंने दो -तीन दिन में पूरी पुस्तक पढ़ डाली ,परन्तु उसमे कहीं भी ईश्वर का उल्लेख नहीं था | स्रष्टि विज्ञान पर स्रष्टा का कोई उल्लेख नहीं ,बात विचित्र थी ,| विज्ञान को शायद ईश्वर की उपेक्षा में ही तुष्टि का अनुभव होता है |
कुछ दिनों बाद गैलीलियो पुन:संत नील्स के पास गये तो उन्होंने कहा" और तो सब ठीक है ,व्यवस्थित है ,तर्कबद्ध है ,परंतु थोड़ी खाली जगह कहीं मालूम पड़ती | इसमें स्रष्टि के स्रष्टा -ईश्वर का कहीं भी उल्लेख नहीं है |यहां तक कि इनकार करने के लिये भी नहीं | अरे !यही कह देते कि ईश्वर नहीं है | तुम्हे ऐसा नहीं लगता कि ईश्वर के बिना ,उसकी स्रष्टि थोड़ी अधूरी मालूम पड़ती है | "
गैलीलियो ने कुछ कहा नहीं ,पर सोच में पड़ गये | संत नील्स कहे जा रहे थे --"ईश्वर की उपेक्षा एवं विस्मरण से ,जीवन में एवं स्रष्टि में जो खालीपन की अनुभूति होती है वहीं पीड़ा का जन्म होता है | जीवन से एवं स्रष्टि से यदि पीड़ा को हटाना है तो ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव करना पड़ेगा |
No comments:
Post a Comment