'जीवन एक चुनौती है ,एक समर है ,एक जोखिम है ,उसे इसी रूप में स्वीकार करना चाहिये | '
संघर्ष मनुष्य के जीवन का अभिन्न हिस्सा है | जीवन के हर क्षेत्र में ,हर पल जीवित रहने के लिये उसे संघर्ष करना पड़ता है | संघर्ष का मतलब है -जूझना | संघर्ष मनुष्य के जीवन में तब से आरम्भ हो जाता है ,जब वह अपनी माता के गर्भ में आता है |
जिस व्यक्ति का जीवन जितना संघर्षपूर्ण होता है ,उसका व्यक्तित्व भी उतना ही प्रखर होता जाता है | यदि जीवन में से संघर्ष समाप्त हो जाये तो उसके जीवन में छिपी हुई शक्तियों और विभूतियों से वह अपरिचित रह जायेगा ,उन्हें कभी महसूस नहीं कर सकेगा |
संघर्ष व्यक्ति को महान बनाता है ,लेकिन तभी ,जब वह सही दिशा की ओर ,सही लक्ष्य की ओर किया जाये | संघर्ष व्यक्ति को सही अर्थों में मनुष्य बनाता है ,यदि जीवन में संघर्ष न होगा ,तो जीवन उस मूर्छित व्यक्ति की तरह हो जायेगा जो जीवित तो होगा ,लेकिन कुछ कर नहीं सकेगा | संघर्ष के माध्यम से ही व्यक्ति सफलता के असली आनंद को महसूस कर पाता है |
संघर्ष जीवन का आरंभ भी है और अंत भी | कभी व्यक्ति को जीवन जीने के लिये संघर्ष करना पड़ता है तो कभी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये | संघर्ष जीवन का दूसरा नाम है ,इसलिये इसे मनुष्य को स्वीकारना पड़ेगा ,इसके महत्व को समझना ही पड़ेगा |
यदि व्यक्ति संघर्ष करने में प्रसन्न रहने लगे और इसे अपनी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बना ले ,तो न केवल उसका व्यक्तित्व परिष्कृत होगा ,बल्कि वह जीवन की विभूतियों से भी सराबोर होता जायेगा |
संघर्ष मनुष्य के जीवन का अभिन्न हिस्सा है | जीवन के हर क्षेत्र में ,हर पल जीवित रहने के लिये उसे संघर्ष करना पड़ता है | संघर्ष का मतलब है -जूझना | संघर्ष मनुष्य के जीवन में तब से आरम्भ हो जाता है ,जब वह अपनी माता के गर्भ में आता है |
जिस व्यक्ति का जीवन जितना संघर्षपूर्ण होता है ,उसका व्यक्तित्व भी उतना ही प्रखर होता जाता है | यदि जीवन में से संघर्ष समाप्त हो जाये तो उसके जीवन में छिपी हुई शक्तियों और विभूतियों से वह अपरिचित रह जायेगा ,उन्हें कभी महसूस नहीं कर सकेगा |
संघर्ष व्यक्ति को महान बनाता है ,लेकिन तभी ,जब वह सही दिशा की ओर ,सही लक्ष्य की ओर किया जाये | संघर्ष व्यक्ति को सही अर्थों में मनुष्य बनाता है ,यदि जीवन में संघर्ष न होगा ,तो जीवन उस मूर्छित व्यक्ति की तरह हो जायेगा जो जीवित तो होगा ,लेकिन कुछ कर नहीं सकेगा | संघर्ष के माध्यम से ही व्यक्ति सफलता के असली आनंद को महसूस कर पाता है |
संघर्ष जीवन का आरंभ भी है और अंत भी | कभी व्यक्ति को जीवन जीने के लिये संघर्ष करना पड़ता है तो कभी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये | संघर्ष जीवन का दूसरा नाम है ,इसलिये इसे मनुष्य को स्वीकारना पड़ेगा ,इसके महत्व को समझना ही पड़ेगा |
यदि व्यक्ति संघर्ष करने में प्रसन्न रहने लगे और इसे अपनी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बना ले ,तो न केवल उसका व्यक्तित्व परिष्कृत होगा ,बल्कि वह जीवन की विभूतियों से भी सराबोर होता जायेगा |
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