प्रकृति का एक शाश्वत नियम है कि शारीरिक श्रम-व्यायाम न करने पर मांस पेशियाँ सूखती हैं और व्यक्ति को रुग्ण बनाकर समय से पूर्व ही मृत्यु का शिकार बना देती हैं । इसी तरह यदि मानसिक क्षमताओं को न जगाया जा सके तो व्यक्ति को खीज, निराशा के अतिरक्त कुछ हाथ न लगेगा ।
जिन लोगों ने अपनी प्रसुप्त प्रतिभा को जगाया है उनके मस्तिष्क में सृजनात्मक विचार आते चले गये । यह सब दैवी सत्ता के प्रति आस्थावान होने की परिणति है ।
कोलंबस ने संसार को नया विचार देने से पूर्व बाइबल का अध्ययन किया और पृथ्वी गोल है के प्रभाव को प्रस्तुत कर दिखाया ।
उनके अनुसार धर्म ग्रंथों को बार-बार पढ़ने, चिंतन-मनन करने से और तदनुरूप प्रयासरत बने रहने से प्रसुप्त मानसिक क्षमताओं का विकास होता है और जीवन सब प्रकार से सफल सिद्ध होता है ।
जिन लोगों ने अपनी प्रसुप्त प्रतिभा को जगाया है उनके मस्तिष्क में सृजनात्मक विचार आते चले गये । यह सब दैवी सत्ता के प्रति आस्थावान होने की परिणति है ।
कोलंबस ने संसार को नया विचार देने से पूर्व बाइबल का अध्ययन किया और पृथ्वी गोल है के प्रभाव को प्रस्तुत कर दिखाया ।
उनके अनुसार धर्म ग्रंथों को बार-बार पढ़ने, चिंतन-मनन करने से और तदनुरूप प्रयासरत बने रहने से प्रसुप्त मानसिक क्षमताओं का विकास होता है और जीवन सब प्रकार से सफल सिद्ध होता है ।
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