इंद्र को असुरों से अनेक बार पराजित होना पड़ा । भगवन की विशेष सहायता से ही वे सफल हो पाए इस बार - बार की पराजय का कारण एक दिन प्रजापति से पूछा , तो उन्होंने कहा ----- ऐश्वर्य की रक्षा संयम से होती है । जो वैभव पाकर प्रमाद में फंस जाते हैं उन्हें पराभव का मुंह देखना पड़ता है जो इस मानव शरीर का संयम पूर्वक सदुपयोग कर लेते हैं वे ही पराभव का मुंह देखने से बच जाते हैं ।
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