' अनुशासन - दलीय हित में हो या सामाजिक , हर द्रष्टि से अनिवार्य है । ' अनौचित्य का विरोध करने में और औचित्य का समर्थन करने में वे कभी पीछे नहीं रहे । '
राजाजी ( जन्म 1877 ) बचपन से ही दुबले - पतले कमजोर , बीमार थे , उनकी माता उनके स्वास्थ्य से चिन्तित थीं लेकिन उनके पिता ने भविष्य वाणी की थी कि राजगोपाल पूरे सौ वर्ष जियेगा । और वह भी साधारण मनुष्यों की तरह नहीं महामानव और प्रतिभावान विभूतियों की तरह ।
इस जीवनी शक्ति का समूचा श्रेय उनके आहार - विहार और श्रम , उत्साह , सेवा निष्ठा को है l
शराब के विरुद्ध सर्वप्रथम उन्होंने ही आन्दोलन छेड़ा , इसे एक राष्ट्रीय आवश्यकता मानकर जोरदार ढंग से आन्दोलन चलाया ।
राजाजी ( जन्म 1877 ) बचपन से ही दुबले - पतले कमजोर , बीमार थे , उनकी माता उनके स्वास्थ्य से चिन्तित थीं लेकिन उनके पिता ने भविष्य वाणी की थी कि राजगोपाल पूरे सौ वर्ष जियेगा । और वह भी साधारण मनुष्यों की तरह नहीं महामानव और प्रतिभावान विभूतियों की तरह ।
इस जीवनी शक्ति का समूचा श्रेय उनके आहार - विहार और श्रम , उत्साह , सेवा निष्ठा को है l
शराब के विरुद्ध सर्वप्रथम उन्होंने ही आन्दोलन छेड़ा , इसे एक राष्ट्रीय आवश्यकता मानकर जोरदार ढंग से आन्दोलन चलाया ।
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