' असाधारण उपलब्धियां यदि कभी नियंत्रण से बाहर होने लगें और मनुष्य कि उद्दंडता पर नियंत्रण न लगे तो परिणति कितना भयंकर होती है , इसका परिचय भूतकाल में भी मनुष्य जाति अनेक बार प्राप्त कर चुकी है l अनियंत्रित सामर्थ्य प्रेत - पिशाच का रूप धर लेती है l '
ब्रिटिश विज्ञानी प्रो. जाँन डब्लू वाकर ने कहा है ----- ' हमारी वैज्ञानिक उपलब्धियां तो अभूतपूर्व व अत्यंत विशाल हैं , किन्तु इसके साथ हमारे विचार तंत्र में घुस पड़े संकीर्ण स्वार्थपरता के बिष दंश ने हमें कहीं का नहीं रहने दिया है l सर्वत्र लूट-खसोट मची है l भौतिकवादी विचारों की बहुलता ने आणविक अस्त्रों को जन्म दिया जिसने समस्त जीवों के अस्तित्व को संकट में डाल दिया l जब तक विचार प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आता तब तक मानव जाति का भविष्य , उसका अस्तित्व खतरे में पड़ा रहेगा l '
ब्रिटिश विज्ञानी प्रो. जाँन डब्लू वाकर ने कहा है ----- ' हमारी वैज्ञानिक उपलब्धियां तो अभूतपूर्व व अत्यंत विशाल हैं , किन्तु इसके साथ हमारे विचार तंत्र में घुस पड़े संकीर्ण स्वार्थपरता के बिष दंश ने हमें कहीं का नहीं रहने दिया है l सर्वत्र लूट-खसोट मची है l भौतिकवादी विचारों की बहुलता ने आणविक अस्त्रों को जन्म दिया जिसने समस्त जीवों के अस्तित्व को संकट में डाल दिया l जब तक विचार प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आता तब तक मानव जाति का भविष्य , उसका अस्तित्व खतरे में पड़ा रहेगा l '
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