एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने एक सैनिक अफसर को किसी सहयोगी व्यक्ति के साथ उग्र विवाद में उलझते देखा , तो उसे सख्ती से डांटा l उनका कहना था ------------------- " कोई भी व्यक्ति जो अपनी क्षमता को पूरा विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है , उसके पास व्यक्तिगत कलह के लिए समय नहीं होना चाहिए l चाहे इसके लिए उसे अपने सामान्य या निजी अधिकारों को त्यागना ही क्यों न पड़े l "
लेकिन कोई भी अपने छोटे -से -छोटे अधिकार का भरपूर उपयोग करना चाहता है , उसे त्यागना नहीं चाहता , इसलिए विवादों में पड़ जाता है l
हम जो भी निर्णय लेते हैं या जो भी चाहते हैं , उससे सभी सहमत नहीं होते हैं l और यह सह्मति, असहमति कभी - कभी या अक्सर आपस में कलह का कारण बन जाती है l
बात थोड़ी सी होती है , लेकिन समझदारी के अभाव में वह बहुत विकृत रूप में उभरकर सामने आती है l इससे न केवल समय की बरबादी होती है , बल्कि इससे आस - पास का वातावरण भी नकारात्मक तत्वों से भर जाता है l
असहमति होते हुए भी सहमति के बिन्दुओं को खोजना , कलह को न होने देने का सबसे अच्छा तरीका है l
लेकिन कोई भी अपने छोटे -से -छोटे अधिकार का भरपूर उपयोग करना चाहता है , उसे त्यागना नहीं चाहता , इसलिए विवादों में पड़ जाता है l
हम जो भी निर्णय लेते हैं या जो भी चाहते हैं , उससे सभी सहमत नहीं होते हैं l और यह सह्मति, असहमति कभी - कभी या अक्सर आपस में कलह का कारण बन जाती है l
बात थोड़ी सी होती है , लेकिन समझदारी के अभाव में वह बहुत विकृत रूप में उभरकर सामने आती है l इससे न केवल समय की बरबादी होती है , बल्कि इससे आस - पास का वातावरण भी नकारात्मक तत्वों से भर जाता है l
असहमति होते हुए भी सहमति के बिन्दुओं को खोजना , कलह को न होने देने का सबसे अच्छा तरीका है l
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