अपने दोष खोजना साहस का काम है और दूसरों से अपनी कमियों को सुनना भी सहज नहीं है l अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास बहुत धैर्य और साहस पूर्वक करना चहिये l
दोष उर्वर भूमि में उगी फसलों के बीच खरपतवार के समान होते हैं l समय रहते यदि इन्हें उखाड़ा - पछाड़ा नहीं गया तो ये सारे फसल के स्थान पर छा जाते हैं और इनकी जड़ें गहरी होती चली जाती हैं l फिर भी अगर ध्यान नहीं दिया गया तो जीवन में केवल खरपतवार रूपी दोष ही दोष नजर आते हैं l दोषों का परिमार्जन जरुरी है l
दोष उर्वर भूमि में उगी फसलों के बीच खरपतवार के समान होते हैं l समय रहते यदि इन्हें उखाड़ा - पछाड़ा नहीं गया तो ये सारे फसल के स्थान पर छा जाते हैं और इनकी जड़ें गहरी होती चली जाती हैं l फिर भी अगर ध्यान नहीं दिया गया तो जीवन में केवल खरपतवार रूपी दोष ही दोष नजर आते हैं l दोषों का परिमार्जन जरुरी है l
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