28 January 2019

अकबर का मान - मर्दन करने वाली --- रानी दुर्गावती

 जिस  समय  सम्राट  अकबर  के  दबदबे  से  बड़े - बड़े  राजा  उसके  आधीन  हो  गए ,  उस  समय   नारी  होते  हुए  भी   एक  छोटे  से  राज्य  गढ़ मंडला  की  रानी  दुर्गावती  ने  दो  बार   दिल्ली  सम्राट  की  विशाल  सेना  को  पराजित  कर  पीछे  खदेड़  दिया  l 
  पति  दलपति शाह  की  मृत्यु  हो  जाने  पर  दुर्गावती  ने  राज्य  का  प्रबंधन  इतनी  योग्यता  व  कुशलता  से  किया  कि   राज्य  का  वैभव  बढ़ने  लगा  l  राज्य  की  समृद्धि  बढ़ने  लगी   और  रानी  दुर्गावती  का   यश  भी   चारों  और  फैलने  लगा   तो  उनसे  ईर्ष्या  करने  वाले  भी  पैदा  हो  गए  l 
  अगर कोई  पुरुष  शासक  ऐसी  उन्नति  करता  तो  संभवत:  लोगों  का  ध्यान  उस  तरफ  अधिक  आकर्षित  न  होता  ,  पर  एक  स्त्री  का  इतना  आगे  बढ़ना  और  अधिकांश  पुरुष  शासकों   के  लिए   उदाहरण  स्वरुप  बन  जाना  उनको  खटकने  लगा  l 
  आसफखां  की  गिनती  मुग़ल  साम्राज्य  के  प्रसिद्ध  सेनाध्यक्षों  में  होती  थी  l  मुग़ल  शासक  इस  वीरांगना  की  शक्ति  से  सशंकित  थे   l    प्रथम  बार  के  आक्रमण  में  रानी  दुर्गावती  से   बुरी  तरह  हार  कर   आसफ खां  बड़ा  दुःखी  हुआ  कि  एक  स्त्री  से  हार  कर  वह  अपना  मुंह  दुनिया  को  कैसे  दिखायेगा   l  उसने  इस  बात  को  अपने  लिए  बड़ा  अपमानजनक  समझा  l उसने  अपने  अधीनस्थ  अधिकारीयों  को  भी   बहुत  लानत - मलामत  दी  कि  तुम  एक  औरत  के   सामने  पीठ  दिखाकर  भाग  आये  और  फिर  भी  बहादुरी  का  दम  भरते  हो  l
अब  उसने  अपनी  सारी   बुद्धि  इसका  प्रतिकार  करने  की  युक्ति  सोचने  में  लगा  दी   l  l   

No comments:

Post a Comment