साहित्य द्वारा ही किसी समाज का मानसिक , बौद्धिक तथा नैतिक स्तर अवगत होता है l रूस के स्रजनशील साहित्यकार एंटन चेखव उन गिने - चुने साहित्यकारों में से हैं जिनकी रचनाएँ समाज पर अपना प्रभाव डाल सकीं l उनकी रचनाओं में कहीं कहीं इतना तीखा व्यंग्य होता है कि पाठक पढ़कर तिलमिला उठता है l उनका एक नाटक ' वार्ड नं. 6 ' बहुत लोकप्रिय हुआ l
बुद्धिजीवी वर्ग की नपुंसक अकर्मण्यता पर तीव्र प्रहार करने वाला यह नाटक जब लेनिन ने देखा तो वे इतने व्यग्र हो उठे कि अपने स्थान पर बैठ न सके l इस नाटक में इस तथ्य को पूरी तरह उभारा गया है कि --- हिंसा और अत्याचार को रोकने के लिए निष्क्रिय विरोध , उपेक्षा व उदासीनता से काम नहीं चलता l उसे रोकने के लिए अदम्य और कठोर संघर्ष की आवश्यकता है तभी उसमे सफल हुआ जा सकता है l
मनुष्य समाज की वर्तमान स्थिति का चित्रण करते हुए चेखव ने एक स्थान पर लिखा है --- ईश्वर की जमीन कितनी सुन्दर है l केवल हम में ही कितना अन्याय, कितनी अनम्रता और ऐंठ है l
हम ज्ञान के स्थान पर अभिमान और छल - छिद्र तथा ईमानदारी के पीछे धूर्तता ही अधिक प्रकट करते हैं l
बुद्धिजीवी वर्ग की नपुंसक अकर्मण्यता पर तीव्र प्रहार करने वाला यह नाटक जब लेनिन ने देखा तो वे इतने व्यग्र हो उठे कि अपने स्थान पर बैठ न सके l इस नाटक में इस तथ्य को पूरी तरह उभारा गया है कि --- हिंसा और अत्याचार को रोकने के लिए निष्क्रिय विरोध , उपेक्षा व उदासीनता से काम नहीं चलता l उसे रोकने के लिए अदम्य और कठोर संघर्ष की आवश्यकता है तभी उसमे सफल हुआ जा सकता है l
मनुष्य समाज की वर्तमान स्थिति का चित्रण करते हुए चेखव ने एक स्थान पर लिखा है --- ईश्वर की जमीन कितनी सुन्दर है l केवल हम में ही कितना अन्याय, कितनी अनम्रता और ऐंठ है l
हम ज्ञान के स्थान पर अभिमान और छल - छिद्र तथा ईमानदारी के पीछे धूर्तता ही अधिक प्रकट करते हैं l
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