सविनय - असहयोग आंदोलन के प्रवर्तक हेनरी थोरो ने कहा था --- ' लोकतंत्र पर मेरी आस्था है , पर वोटों से चुने गए व्यक्ति स्वेच्छाचार करें , यह मैं कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता l राज सञ्चालन उन व्यक्तियों के हाथ में होना चाहिए , जिनमे मनुष्य मात्र के कल्याण की भावना और कर्तव्य परायणता विद्द्मान हो और जो उसकी पूर्ति के लिए त्याग भी कर सकते हों l '
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