9 April 2020

WISDOM -- समय बड़ा बलवान

  समय  परिवर्तनशील  है  ,  जब  व्यक्ति  वक्त  के  साथ  स्वयं  को  नहीं  बदलता  है   तब  प्रकृति  उसे  बदलने  को  विवश  कर  देती  है  l  देश  में  कितने  ही  धर्म सुधारक  व  समाज सुधारक  हुए  जिन्होंने  लोगों  को  समझाया  कि    बाह्य  आडम्बर  और  कर्मकांड  तभी  सार्थक  हैं  जब  आपकी  भावनाएं  पवित्र  हों  ,  आचरण  नैतिक  और  मर्यादित  हो  l   लोगों  ने  धर्म  को  व्यवसाय  बना  दिया    और  अपने - अपने  धर्म  को  श्रेष्ठ  बताने  की  होड़  में  नदियों , तालाबों  तक  को  प्रदूषित  कर  दिया l   आज  प्रकृति  ने  मनुष्य  को  यह  सन्देश  दिया  है   कि --- अपने  व्यक्तित्व  का  परिष्कार  करो  ,  अपनी  बुरी  आदतों  को  छोड़ो   l   प्रकृति  के  अनुकूल  जीवन  जियो   l   जब  मन  स्वस्थ  होगा  तभी  शरीर  भी  स्वस्थ  रहेगा  l
  भगवान   श्रीकृष्ण  की  बाल - लीलाओं  का  वर्णन  हम  कथाओं  में  सुनते  हैं  ,  उसमे  अनेक  कथाएं  हैं  जो  महत्वपूर्ण  बात  है  , वह  है  --- भगवान   श्रीकृष्ण   नन्द  बाबा   के  यहाँ   मिटटी  में  खेल कूद  कर  बड़े  हुए  l    दूध , मक्खन , मिश्री  खाकर  ,  प्रकृति  की  छाँव  में  रहकर  ,  शुद्ध  हवा  में  सांस  लेकर  उनके  भीतर  वह  प्रतिरोधक  शक्ति  थी  जिससे  वे  बड़े  व  शक्तिशाली  राक्षसों  को  पराजित  कर  सके  l
  आज  भौतिक  प्रगति  और  आधुनिकता  के  नाम  पर  लोग  विभिन्न  सुख - सुविधाओं  और  शरीर  को  आराम  देने  वाले  उपकरणों   के  सहारे  रहते  हैं   l   आरामतलबी  के  जीवन  से  शरीर  में  बीमारियों  से  लड़ने  की  क्षमता  कम   हो  जाती  है    और  इन  आधुनिक  उपकरण  जैसे  ए. सी , , माइक्रोवेव ,  फ्रिज  , जनरेटर  आदि  से  निकलने  वाली  हानिकारक  तरंगे  वातावरण  को  प्रदूषित  करती  है  और  शरीर     को बीमारियों   का  घर  बना  देती  हैं  l
  आज  के  समय  में  यदि  मनुष्य  को  स्वस्थ  रहना  है  तो  उसे  अपनी  जीवन शैली  को  बदलना  होगा  l   हम  विदेशों   की नक़ल  न  करें  l   हमारे  भीतर  सहअस्तित्व  का  व   जियो  और  जीने  दो  का  भाव  हो   तो  इस  धरती  में   और  इस  संस्कृति  वह  सब  कुछ  है   जिससे  हम  बड़ी  से  बड़ी  मुसीबतों  पर  विजय  पा  सकते  हैं  l   

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