भगवान जिसकी रक्षा करते हैं वह व्यक्ति बिना किसी रक्षा के साधनों के भी जीवित रहता है ,
और उसके द्वारा अरक्षित व्यक्ति सारी सुरक्षा के बाद भी जीवित नहीं रहता l तभी तो वन में छोड़ा हुआ अनाथ भी जीवित रहता है , जबकि घर पर हर प्रकार की देख - रेख एवं बचाव के प्रयत्नों के उपरांत भी व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त होता है l
और उसके द्वारा अरक्षित व्यक्ति सारी सुरक्षा के बाद भी जीवित नहीं रहता l तभी तो वन में छोड़ा हुआ अनाथ भी जीवित रहता है , जबकि घर पर हर प्रकार की देख - रेख एवं बचाव के प्रयत्नों के उपरांत भी व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त होता है l
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