31 August 2020

WISDOM -----

     मनुष्य   को यह  जन्म  अपनी  प्रगति  और  विकास  के  लिए  मिला  है   और  उसे  सदा  इस  दिशा  में  प्रयत्नशील  रहना  चाहिए  l  ऋषि  पुलस्त्य  के  पुत्र  विश्रवा   को  एक  कुरूप  और  बेडौल  पुत्र  उत्पन्न   हुआ  l  उसका  नाम  था  कुबेर   l  उसे  देखकर  सभी  घरवाले  खिन्न  हो  गए   l  बालक  कुबेर  जब  बड़ा  हुआ   तो  उसे  अपनी  ये  उपेक्षा  सहन  नहीं  हुई  l   उसने  अपनी  योग्यता  बढ़ाने  का  निश्चय  किया  l   वह  कठोर  तप  द्वारा   धनाधीश  लोकपाल  बनकर  अलकापुरी  में  राज्य  करने  लगा  l   जो  लोग  पहले  कुबेर  का  उपहास  करते  थे  ,  उन्हें  कुबेर  के  समक्ष  नतमस्तक  होना  पड़ा  l   लोकमान्य  बाल  गंगाधर  तिलक  कहा  करते  थे  ---- " मैं  संसार  में  एकमात्र  वस्तु   को  पवित्र  मानता   हूँ   और  वह  है  ---- मनुष्य  का  अपनी  प्रगति  के  लिए  किया  गया   अनवरत  प्रयास  l   मानव - मात्र  के  प्रति  निश्छल  प्रेमभाव   रखते  हुए   और  ईर्ष्या - द्वेष  आदि   कलुषित  भावनाओं  से  दूर  रहकर   निष्काम  भाव  से   श्रमशील  रहने  की  भावना  ही   जीवन  की  सर्वोच्च  साधना  है  l  "

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