पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- " कमिटमेंट अर्थात जो हम कहते हैं , उसे निभाना आना चाहिए l कमिटमेंट लक्ष्य प्राप्ति का उत्तम साधन है l जो अपने दिए वचन पर अडिग रहता है , वही प्रामाणिक होता है l ऐसे व्यक्ति को सहयोग व सहायता भी मिलती है और उसके लिए सफलता का द्वार खुल जाता है l वचन दिया है तो उसे निभाना चाहिए l सफलता के लिए यह एक अपरिहार्य शर्त है l " आचार्य श्री लिखते हैं - लक्ष्य के लिए चल पड़े हो तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए l आगे की ओर आने वाली हर कठिनाई का डटकर सामना करना चाहिए l पीठ दिखाने वाले कायर कहलाते हैं और उनका उपहास उड़ाया जाता है , जबकि चुनौती का सामना करने वाले बहादुर कहे जाते हैं और उन्ही के सिर पर सेहरा सजता है l हर चुनौती हमें एक नई सीख दे जाती है कि किस प्रकार हम अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाएं l अत: हमें कभी डरना नहीं चाहिए तथा सूझ - बूझ के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए l "
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