29 January 2021

WISDOM -----

   कर्म फल  को  समझाने   वाली  एक  पौराणिक  कथा  है ----  एक  बार  महर्षि  वसिष्ठ   श्रीराम  को  उपदेश  दे  रहे  थे   l   इस  बीच  वे  लघुशंका    हेतु   गए  l  लघुशंका  के  दौरान  वे  जोर  से  हँसे  l   रामचंद्र जी  ने  सोचा  इतने  बड़े  महर्षि    लघुशंका  के  दौरान  हँस   रहे  हैं   !  क्या  इन्हे  इतना  ज्ञान  नहीं  है   कि   इस  समय  कोई  क्रिया  नहीं  करनी  चाहिए   l   जब  लौटकर  आए   तो  श्रीराम  ने  पूछा  --- " भगवन  !  क्या  बात  थी  आप  हँसे   क्यों  ?  ऐसे  समय  आपको  हँसी   आना    किसी विशेष  रहस्य  का  कारण  है   ? "  महर्षि  बोले  ---- "  मैं  एक  दृश्य  देखकर   हंस  पड़ा   l   एक  चींटा   नीचे   नदी  के  प्रवाह  में  बहा  जा  रहा  था   l   वह  चींटा   नौ  बार  इंद्र  पद  पर  रह  चुका  है  ,  पर  अपने  भोग  के  कारण   चींटे   की  योनि  को  प्राप्त  हुआ  है  l  "   जब  इंद्र  पद   प्राप्त  करने  वाले  की  यह  स्थिति  है  तो  मनुष्यों  को    होश  में  रहकर  कर्म  करना  चाहिए   l 

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