आज संसार में एक बहुत बड़ी समस्या है कि लोग तनाव और अशांति में जी रहे हैं , इसका एक बहुत बड़ा कारण है --- दिखावा l और जब यह दिखावा स्वास्थ्य के संबंध में किया जाता है तो यह व्यक्ति को शारीरिक और आर्थिक दोनों दृष्टि से कमजोर बना देता है l छोटी सी बीमारी में महंगे अस्पताल में जाना , बड़े से बड़े डॉक्टर को दिखाना भी ' स्टेटस सिम्बल ' हो गया है l अमीरों के लिए यह सब बहुत सरल और सामान्य बात है लेकिन जब माध्यम वर्ग उनकी नक़ल करता है तो हर दृष्टि से खोखला हो जाता है l स्वस्थ रहने के लिए मन की शांति भी बहुत जरुरी है l जितनी हमारी चादर हो उतने ही पाँव पसारने चाहिए l यदि पेट दर्द है तो घर में ही हींग , अजवाइन , हल्दी पानी से फांक लो , सब ठीक हो जायेगा l कब्ज है तो भीगी हुई किशमिश का पानी सहित खाओ , भीगी हुई मुनक्का खाओ l यदि स्किन सम्बन्धी समस्या है तो नीम की कोंपल चबा लो l सूर्योदय के दर्शन करो l खांसी है तो कुनकुने पानी में हल्दी , नमक मिलकर पीना चाहिए l इन छोटी - छोटी तकलीफों के लिए यदि डाक्टर के पास जायेंगे तो शरीर चलता - फिरता मेडिकल स्टोर बन जायेगा l यह जरुरी है कि हम देखें कि हमारे पास क्या है ? हमारे पास सूर्य का प्रकाश है , हम चाहें तो हमारी कृषि इतनी अच्छी हो सकती है कि हम सारे संसार का पेट भर दें l कितने ही देश ऐसे हैं जहाँ प्रकृति ने इसे देने में कंजूसी की है l हमारा विशाल देश है , हर तरह की उपज के लिए विभिन्न गुणों की भूमि है , संसार के हर रोगों के उपचार के लिए हमारे पास प्राकृतिक सम्पदा है , ज्ञान है , सब कुछ है बस ! एक कमी है कि हम जागरूक होना नहीं चाहते , हमारा विवेक सो रहा है l इसका भी इलाज है -- हम ईश्वर से सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना करें l प्रार्थना में बहुत शक्ति है , ईश्वर सुनते हैं l
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