' इस धरती पर जिसने जन्म लिया उसकी मृत्यु निश्चित है l ' मृत्यु के अनेक बहाने होते हैं l वृद्धावस्था , एक्सीडेंट , बीमारी आदि अनेक कारण है जिनसे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है l शरीर में जितने आंतरिक और बाह्य अंग हैं , उनसे कही ज्यादा बीमारियाँ हैं l इसलिए कोई यह समझे कि एक अंग को स्वस्थ कर लेने से व्यक्ति अमर हो जायेगा तो यह असंभव है l प्रत्येक मनुष्य अमर होना चाहता है , इस कारण चालाक लोग मनुष्य की इस कमजोरी का फायदा उठाकर अपनी जेब गरम करते हैं l एक घटना है ---- बात उन दिनों की है जब आवागमन के साधन इतने विकसित नहीं थे l एक नगर का सेठ था , अपार सम्पति थी उसके पास l बहुत महत्वाकांक्षी था , सोचता था कि इस सम्पति के बल पर वह एक बहुत बड़े क्षेत्र को अपना गुलाम बना ले l सलाहकारों से परामर्श लिया तो उन्होंने कहा आप लोगों की दबी हुई इच्छाओं को जगा दो और उन्हें पूरा करने के लिए धन उधार दो , वे सब बिना विशेष प्रयास के गुलाम हो जायेंगे l फिर क्या था , न केवल जनता बल्कि वहां के प्रशासन आदि विभिन्न कार्यों के लिए इतना ऋण देना शुरू किया कि ऋण के बोझ से वे उसकी बात मानने को विवश हो गए l सेठ के मन को बड़ा सुकून मिला लेकिन एक समस्या हो गई कि उसे प्रशासनिक समझ नहीं थी कि इतनी अधिक जनसँख्या को नियंत्रित कर सके , अब उसके मन में शैतान जाग गया उसने अपने दुष्ट सलाहकारों की मदद से ऐसे कार्य किये कि अपनी अति की इच्छाओं को पूरा करने के लालच में ही लोग मरने लगे और वह अमीर होता गया और कम लोगों पर शासन करना भी उसके लिए सरल हो गया l लोग जागरूक नहीं हुए , मृत्यु के साथ उनकी परंपरा , उनकी संस्कृति भी नष्ट हो गई l यह घटना हमें प्रेरणा देती है कि यदि हम जागरूक नहीं हैं , सकारात्मक शक्तियां संगठित नहीं है तो परिणाम भयंकर होता है l
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