पुराण में अनेक कथाएं हैं जिनके माध्यम से ऋषियों ने संसार को यह समझाने का प्रयास किया कि " मनुष्य को जो भी शक्ति , विभूति प्राप्त है , वह उसे ईश्वर की देन समझकर उसका सदुपयोग करे l जो इसका अनीति पूर्वक प्रयोग करते हैं , वे अपने पाप से आहत होकर विनाश को प्राप्त होते हैं l "---------- श्रुतायुध के पास शंकर जी के वरदान से प्राप्त एक अमोघ गदा थी l उसके तप से प्रसन्न होकर भगवान ने यह गदा उसे इस शर्त पर दी थी कि वह उसका अनीति पूर्वक प्रयोग न करे l यदि वह अनीति पूर्वक इसका प्रयोग करेगा तो वह लौटकर उसी का विनाश कर देगी l महाभारत युद्ध में श्रुतायुध को अर्जुन से लड़ना पड़ा l युद्ध प्रबल वेग से होने लगा l सारथी का कार्य करते हुए भगवान कृष्ण किसी बात पर हँस पड़े l श्रुतायुध को लगा कि वे उसकी कुरूपता पर हँस रहे हैं l उसने आवेश में आकर अपनी अमोघ गदा श्रीकृष्ण पर फेंक चलाई l उसे क्रोध और अहंकार के कारण यह भी याद न रहा कि उसके साथ क्या शर्त जुड़ी है l गदा कृष्ण तक न पहुंची और बीच से ही वापस लौटकर श्रुतायुध पर गिर पड़ी l उसका शरीर क्षत -विक्षत होकर भूमि पर गिर पड़ा l
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